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Labour Law-2: श्रम कानून (Labour Law) द्वितीय भाग के महत्वपूर्ण नोट्स | PDF

Labour Law-2: श्रम कानून (Labour Law) द्वितीय भाग के महत्वपूर्ण नोट्स | PDF

श्रम कानून (Labour Law) का उद्देश्य कामगारों (Employees) और नियोक्ताओं (Employers) के बीच संबंधों को नियमित करना है। यह कानून श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा करता है और उनके कार्यस्थल पर सुरक्षित एवं उचित वातावरण सुनिश्चित करता है। द्वितीय श्रम कानून (Labour Law-II) के अंतर्गत हम विभिन्न अधिनियमों (Acts), नियमों (Rules), और न्यायिक निर्णयों (Judicial Decisions) का अध्ययन करते हैं जो श्रमिकों के हितों की रक्षा से जुड़े होते हैं।

Labour Law-2: श्रम कानून (Labour Law) द्वितीय भाग के महत्वपूर्ण नोट्स | PDF

महत्वपूर्ण श्रम कानून एवं उनके प्रावधान 

Important Labour Laws and Provisions

औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 (Industrial Disputes Act, 1947)

  • I. औद्योगिक विवादों (Industrial Disputes) को हल करने के लिए कानूनी प्रावधान स्थापित करना।
  • II. श्रमिकों और नियोक्ताओं के बीच सामंजस्य स्थापित करना।

मुख्य प्रावधान:

  • I. औद्योगिक विवाद की परिभाषा: किसी उद्योग में वेतन, कार्य की स्थिति, छंटनी आदि से संबंधित विवाद को औद्योगिक विवाद कहा जाता है।
  • II. समाप्ति (Termination) और छंटनी (Retrenchment): किसी श्रमिक को बिना उचित कारण के नौकरी से नहीं निकाला जा सकता।
  • III. श्रम न्यायालय (Labour Courts) एवं ट्रिब्यूनल: श्रमिकों और नियोक्ताओं के बीच विवादों के निपटारे के लिए श्रम न्यायालय और औद्योगिक ट्रिब्यूनल का प्रावधान किया गया है।

कर्मचारी भविष्य निधि अधिनियम, 1952 (Employees' Provident Fund Act, 1952)

  • I. कर्मचारियों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना।
  • II. सेवानिवृत्ति (Retirement) के बाद वित्तीय सहायता उपलब्ध कराना।

मुख्य प्रावधान:

  • I. EPF (Employees' Provident Fund): कर्मचारी और नियोक्ता, दोनों को भविष्य निधि (Provident Fund) में योगदान देना होता है।
  • II. पेंशन योजना: इस अधिनियम के तहत पेंशन योजना भी शामिल है जिससे कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद नियमित आय मिलती है।

कारखाना अधिनियम, 1948 (Factories Act, 1948)

  • I. कारखानों में काम करने वाले श्रमिकों की सुरक्षा, स्वास्थ्य और कल्याण की रक्षा करना।

मुख्य प्रावधान:

  • I. काम के घंटे: एक दिन में अधिकतम 9 घंटे और एक सप्ताह में 48 घंटे से अधिक कार्य नहीं कराया जा सकता।
  • II. महिला एवं बाल श्रमिक: 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को कारखाने में काम करने की अनुमति नहीं है।
  • III. सुरक्षा उपाय: मशीनरी की सुरक्षा, अग्नि सुरक्षा और कार्यस्थल पर स्वास्थ्यकर स्थितियां सुनिश्चित करना आवश्यक है।

न्यूनतम मजदूरी अधिनियम, 1948 (Minimum Wages Act, 1948)

  • I. श्रमिकों को न्यूनतम वेतन सुनिश्चित करना ताकि उनका जीवन स्तर सुधरे।

मुख्य प्रावधान:

  • I. सरकार प्रत्येक उद्योग के लिए न्यूनतम मजदूरी निर्धारित कर सकती है।
  • II. नियोक्ता को निर्धारित न्यूनतम वेतन से कम भुगतान नहीं करना चाहिए।
  • III. समय-समय पर न्यूनतम मजदूरी की समीक्षा की जाती है।

मातृत्व लाभ अधिनियम, 1961 (Maternity Benefit Act, 1961)

  • I. गर्भवती महिला श्रमिकों को आर्थिक सहायता एवं रोजगार सुरक्षा प्रदान करना।

मुख्य प्रावधान:

  • I. महिला कर्मचारी को 26 सप्ताह (6.5 महीने) का मातृत्व अवकाश (Maternity Leave) दिया जाता है।
  • II. इस अवधि के दौरान पूर्ण वेतन दिया जाता है।
  • III. नियोक्ता गर्भावस्था के कारण किसी महिला कर्मचारी को नौकरी से नहीं निकाल सकता।

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कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम, 1948 (Employees’ State Insurance Act, 1948)

  • I. कर्मचारियों को बीमा सुरक्षा प्रदान करना।
  • II. कार्यस्थल पर चोट लगने या बीमारी होने पर चिकित्सा लाभ उपलब्ध कराना।

मुख्य प्रावधान:

  • I. यह अधिनियम उन कर्मचारियों पर लागू होता है जिनका वेतन ₹21,000 प्रतिमाह से कम है।
  • II. बीमा योजना के तहत कर्मचारियों को चिकित्सा सहायता, नकद लाभ और विकलांगता लाभ मिलता है।

समान वेतन अधिनियम, 1976 (Equal Remuneration Act, 1976)

  • I. पुरुष और महिला श्रमिकों को समान कार्य के लिए समान वेतन देना।

मुख्य प्रावधान:

  • I. नियोक्ता लिंग के आधार पर वेतन में भेदभाव नहीं कर सकता।
  • II. महिलाओं को भी पुरुषों के समान अवसर और वेतन मिलना चाहिए।

Other Articles

बाल श्रम निषेध एवं विनियमन अधिनियम, 1986 (Child Labour Prohibition and Regulation Act, 1986)

  • I. 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को खतरनाक उद्योगों में काम करने से रोकना।

मुख्य प्रावधान:

  • I. बाल श्रम पर प्रतिबंध लगाया गया है, विशेष रूप से खतरनाक कार्यों में।
  • II. बच्चों को शिक्षा का अधिकार प्रदान करने के लिए वैकल्पिक प्रावधान किए गए हैं।

ठेका श्रमिक (विनियमन एवं उन्मूलन) अधिनियम, 1970 (Contract Labour Regulation and Abolition Act, 1970)

  • I. ठेका श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा करना।

मुख्य प्रावधान:

  • I. ठेका श्रमिकों को भी नियमित कर्मचारियों जैसी सुविधाएं मिलनी चाहिए।
  • II. किसी उद्योग में ठेका श्रमिकों की नियुक्ति का उचित कारण होना चाहिए।

मुख्य बिंदु 

  • I. श्रम कानून श्रमिकों के अधिकारों और कल्याण की रक्षा करते हैं।
  • II. न्यूनतम मजदूरी, कार्य के घंटे, स्वास्थ्य सुविधाओं की सुरक्षा आदि महत्वपूर्ण पहलू हैं।
  • III. महिला और बाल श्रमिकों की सुरक्षा के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं।
  • IV. विवादों के निपटारे के लिए न्यायालय एवं ट्रिब्यूनल स्थापित किए गए हैं।

Study Notes 
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Labour Law -2 
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