Bharatiya Nyaya Sanhita: भारतीय न्याय संहिता की महत्वपूर्ण Sectionऐं | BNS Sections PDF
भारतीय न्याय संहिता, 2023 (BNS) ने भारतीय दंड संहिता, 1860 (IPC) को प्रतिस्थापित करते हुए कई महत्वपूर्ण प्रावधान और संशोधन शामिल किए हैं।
Section 111: संगठित अपराध की परिभाषा
इस Section में संगठित अपराध को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया है, जिसमें अपहरण, ज़मीन कब्जा और अन्य गंभीर अपराध शामिल हैं, जो किसी गिरोह के माध्यम से या उसके लाभ के लिए किए जाते हैं।
Section 69: धोखे से यौन संबंध बनाना अपराध
यह Section धोखे से, जैसे झूठे वादे या लालच देकर, यौन संबंध बनाने को अपराध घोषित करती है। यदि कोई व्यक्ति शादी का झूठा वादा करके यौन संबंध बनाता है और बाद में शादी से इंकार कर देता है, तो उसे इस Section के तहत दंडित किया जा सकता है।
Section 70 (2): सामूहिक बलात्कार प्रावधान का विस्तार
इस Section के तहत सामूहिक बलात्कार के प्रावधान को 18 वर्ष से कम उम्र की पीड़िताओं पर लागू किया गया है, जबकि पहले यह 16 वर्ष से कम उम्र की पीड़िताओं पर लागू था।
Section 106 (1): लापरवाही से मौत के मामलों में सजा बढ़ाई गई
पहले, आईपीसी की Section 304A के तहत लापरवाही से मौत के मामलों में अधिकतम दो साल की सजा थी। अब BNS की Section 106 (1) के तहत यह सजा बढ़ाकर अधिकतम पांच साल कर दी गई है।
Section 113: आतंकवादी गतिविधियों को अपराध घोषित किया गया
BNS ने पहली बार आतंकवाद से संबंधित अपराधों को Section 113 के तहत शामिल किया है, जो गैर-कानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, 1967 से प्रेरित है।
Section 353: झूठी सूचना फैलाने पर दंड
यह Section किसी भी झूठी जानकारी को जानबूझकर फैलाने, प्रकाशित करने या प्रसारित करने को अपराध घोषित करती है।
Section 337: सरकारी दस्तावेजों की जालसाजी पर सख्ती
इस Section के तहत, अब सरकारी दस्तावेजों जैसे आधार कार्ड या मतदाता पहचान पत्र की जालसाजी को स्पष्ट रूप से अपराध माना गया है।
इन Sections के अलावा, BNS 2023 में डिजिटल अपराधों की पहचान, सामुदायिक सेवा को सजा के रूप में जोड़ने, लैंगिक समावेशिता बढ़ाने और झपटमारी को एक अलग अपराध के रूप में परिभाषित करने जैसे कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं।
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